भूमिका: योग (Yoga) – भारत की प्राचीन धरोहर
योग (Yoga) भारत की प्राचीनतम और महानतम देन है, जो मानव जीवन को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर संतुलन प्रदान करता है। यह मात्र व्यायाम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है, जो आत्मा और परमात्मा को जोड़ने का माध्यम है। हजारों वर्षों से भारत में योग की परंपरा चली आ रही है। ऋषियों और मुनियों ने इसे तपस्या, ध्यान और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाया।
आज जब संपूर्ण विश्व मानसिक तनाव, शारीरिक बीमारियों और जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, तब योग ने एक समाधान के रूप में वैश्विक पहचान प्राप्त की है। इसी पहचान को साकार रूप देने के उद्देश्य से विश्व योग दिवस (World Yoga Day) की स्थापना की गई, जिसके पीछे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की विशेष भूमिका रही है।
योग (Yoga) का अर्थ और महत्व
“योग” शब्द संस्कृत धातु ‘युज’ से बना है, जिसका अर्थ होता है – जोड़ना। योग का तात्पर्य शरीर, मन और आत्मा का एकाकार होना है। यह एक ऐसी जीवनशैली है जो हमें अनुशासन, समर्पण और आंतरिक शांति की ओर ले जाती है।
योग के मुख्य अंग हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। आज के समय में भले ही योग को शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनाया जा रहा है, परंतु इसका वास्तविक उद्देश्य आत्मज्ञान की प्राप्ति है।
विश्व योग दिवस (World Yoga Day) की शुरुआत: नरेंद्र मोदी का योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने योग को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया। 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने पहले भाषण में उन्होंने 21 जून को विश्व योग दिवस (World Yoga Day) के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा।
मोदी जी ने कहा –
“योग भारत की अमूल्य धरोहर है। यह प्राचीन भारतीय परंपरा का प्रतीक है, जो शरीर और मन, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।”
भारत के इस प्रस्ताव को विश्व के 177 देशों ने समर्थन दिया – जो किसी भी प्रस्ताव को मिले सर्वाधिक समर्थन में से एक था। 11 दिसंबर 2014 को UNGA ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) घोषित किया।
21 जून इसलिए चुना गया क्योंकि यह उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है और इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस – 21 जून 2015
2015 में पहला World Yoga Day भारत सहित पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं नई दिल्ली के राजपथ पर 35,000 से अधिक लोगों के साथ योग किया, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। यह कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।
उस दिन भारत के साथ-साथ अमेरिका, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, रूस, फ्रांस और अन्य देशों में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
योग (Yoga) के लाभ
योग न केवल शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि मन को भी स्थिर करता है। इसके नियमित अभ्यास से अनेक लाभ होते हैं:
- शारीरिक लाभ:
- रक्त संचार बेहतर होता है।
- पाचन शक्ति मजबूत होती है।
- वजन नियंत्रित रहता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
- मानसिक लाभ:
- तनाव और चिंता में कमी आती है।
- मन एकाग्र होता है।
- अवसाद और नकारात्मक सोच दूर होती है।
- आत्म-विश्वास बढ़ता है।
- आध्यात्मिक लाभ:
- आंतरिक शांति की अनुभूति होती है।
- आत्मज्ञान की ओर प्रेरणा मिलती है।
- ध्यान के माध्यम से आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
नरेंद्र मोदी और योग का प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत में, बल्कि विश्व पटल पर योग के प्रचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने योग को ‘न्यू इंडिया’ की जीवनशैली का हिस्सा बनाने की दिशा में अनेक पहल की हैं:
- मोदी ऐप और वेबसाइट पर योग से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
- फिट इंडिया मूवमेंट और योगा विद मोदी जैसी पहलें शुरू की गईं।
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को एक जन आंदोलन का रूप देने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों, और पंचायतों तक में योग सत्र आयोजित किए जाते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय योग केंद्रों की स्थापना और रिसर्च संस्थानों को बढ़ावा देना।

मोदी जी का मानना है कि योग न केवल भारत की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य मिशन भी है। कोरोना काल में भी मोदी जी ने लोगों को घर पर योग करने की प्रेरणा दी, जिससे लाखों लोगों को मानसिक संतुलन और शारीरिक ऊर्जा प्राप्त हुई।
विश्व में योग का प्रसार
आज World Yoga Day केवल एक दिवस नहीं, बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन, रूस, ब्राजील जैसे देशों में योग केंद्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में योग पर रिसर्च हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र, WHO और UNESCO जैसे वैश्विक संस्थान भी योग के महत्व को मान्यता दे चुके हैं। UNESCO ने 2016 में योग को “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” के रूप में मान्यता दी।
स्कूलों और युवाओं में योग का महत्व
आज के डिजिटल युग में बच्चे और युवा मानसिक तनाव, स्क्रीन टाइम, खराब भोजन और अनियमित दिनचर्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में योग उनके जीवन को संतुलित करने का सबसे सरल और सुलभ उपाय है। कई स्कूलों में अब योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष जोर युवाओं को योग से जोड़ने पर है, ताकि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से सशक्त बनें।
भारत की जिम्मेदारी और भविष्य की दिशा
भारत योग की जन्मभूमि है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश योग को पुनः वैश्विक मंच पर ले जा रहा है। अब भारत की यह जिम्मेदारी बनती है कि:
- हम प्रामाणिक योग शिक्षकों को तैयार करें।
- योग को व्यवसायिक नहीं, सेवा भाव से अपनाएं।
- हर व्यक्ति को योग की सरल भाषा में जानकारी दें।
- योग को स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और गांव-गांव तक पहुँचाएं।
निष्कर्ष: योग – विश्व कल्याण का मार्ग
योग केवल भारत की धरोहर नहीं, बल्कि मानवता के कल्याण का मार्ग है। World Yoga Day ने भारत की इस महान परंपरा को वैश्विक पहचान दी है। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी का यह प्रयास आज करोड़ों लोगों के जीवन में स्वास्थ्य, संतुलन और सुख लेकर आया है।
आज आवश्यकता है कि हम योग को केवल एक दिवस तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। यदि हर व्यक्ति प्रतिदिन योग का अभ्यास करे, तो न केवल उसका जीवन सुधरेगा, बल्कि संपूर्ण विश्व में शांति, प्रेम और स्वास्थ्य का संचार होगा।
“योग करें, निरोग रहें – यही है सच्चा जीवन संग्राम में विजय पाने का मार्ग।”
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FAQ
प्रश्न: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
प्रश्न: विश्व योग दिवस की शुरुआत किसने की?
उत्तर: इसकी शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने की थी
प्रश्न: पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया था?
उत्तर: पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।
प्रश्न: विश्व योग दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका उद्देश्य लोगों को योग के महत्व और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करना है।
प्रश्न: योग शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: योग का अर्थ होता है “जोड़ना” – यानी शरीर, मन और आत्मा का संतुलन।
प्रश्न: 21 जून को ही योग दिवस क्यों चुना गया?
उत्तर: 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रश्न: योग के कितने अंग होते हैं?
उत्तर: योग के आठ अंग होते हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
प्रश्न: योग के क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर: योग से शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
प्रश्न: क्या योग केवल हिंदू धर्म से जुड़ा है?
उत्तर: नहीं, योग धर्म से परे एक वैज्ञानिक पद्धति है, जिसे कोई भी व्यक्ति अपना सकता है।
प्रश्न: नरेंद्र मोदी जी ने योग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कैसे पहुँचाया?
उत्तर: नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व योग दिवस का प्रस्ताव रखा जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया।
प्रश्न: क्या योग को स्कूलों में पढ़ाया जाता है?
उत्तर: हाँ, भारत सहित कई देशों में अब योग को शिक्षा का हिस्सा बनाया जा रहा है।
प्रश्न: योग करने का सही समय कौन सा है?
उत्तर: योग करने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है।
प्रश्न: क्या हर उम्र के लोग योग कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, योग को हर उम्र का व्यक्ति अपने स्वास्थ्य अनुसार कर सकता है।
प्रश्न: योग दिवस के दिन कौन-कौन सी गतिविधियाँ होती हैं?
उत्तर: इस दिन सामूहिक योग सत्र, वर्कशॉप, जागरूकता रैली और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं।
प्रश्न: योग दिवस के साथ कौन-कौन से हैशटैग लोकप्रिय हैं?
उत्तर: प्रमुख हैशटैग हैं –
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