Raksha Bandhan 2025, Time, reason to celebrate

Sacred Raksha Bandhan 2025: तिथि, महत्व, परंपरा और भाई-बहन के प्यार का त्योहार

भारत त्योहारों की भूमि है, जहाँ हर पर्व एक गहरी सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक भावना से जुड़ा हुआ होता है। इन्हीं त्योहारों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और स्नेहिल त्योहार है — रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025)। यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जो स्नेह, विश्वास, सुरक्षा और कर्तव्य के धागे से जुड़ा होता है। रक्षाबंधन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय समाज की भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

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रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) का शाब्दिक अर्थ

रक्षाबंधन’ दो शब्दों से मिलकर बना है — रक्षा और बंधन। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा करना और बंधन का अर्थ है बंधन या संबंध। अर्थात्, यह ऐसा पर्व है जिसमें एक बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करते हुए उसके हाथ पर राखी बांधती है, और भाई उसे जीवन भर उसकी रक्षा का वचन देता है।


रक्षाबंधन का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

रक्षाबंधन की परंपरा का उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों और ऐतिहासिक घटनाओं में मिलता है। इस पर्व की जड़ें बहुत गहरी हैं और इसके कई प्रसंग भारतीय संस्कृति में प्रसिद्ध हैं:

1. श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा

महाभारत के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था, तब उनके हाथ में खून बहने लगा। द्रौपदी ने अपने वस्त्र का एक टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। कृष्ण ने यह बंधन रक्षाबंधन के रूप में स्वीकार किया और बदले में द्रौपदी को वचन दिया कि जब भी वह संकट में होंगी, वे उनकी रक्षा करेंगे। चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई, और अपना वादा निभाया।

2. रानी कर्णावती और हुमायूं

मध्यकालीन भारत में जब चित्तौड़ की रानी कर्णावती को बहादुर शाह से युद्ध का खतरा हुआ, तो उन्होंने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर सहायता की गुहार की। हुमायूं ने राखी की मर्यादा रखते हुए युद्ध के लिए कूच किया। यह प्रसंग रक्षाबंधन की सामाजिक और राजनीतिक शक्ति को दर्शाता है।

3. यम और यमुनादेवी की कथा

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन यमुनादेवी से वादा किया कि जो भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा और उसकी रक्षा करेगा, उसकी आयु लंबी होगी। तभी से यह परंपरा बनी कि राखी भाई की लंबी उम्र की कामना के साथ बांधी जाती है।


रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भारत के विभिन्न हिस्सों में रक्षाबंधन को अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो सावन के महीने का अंतिम दिन होता है।

  • यह दिन पवित्रता, उपवास, धार्मिक अनुष्ठान और दान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • कई स्थानों पर यह दिन जनैऊ (यज्ञोपवीत) बदलने के लिए भी उपयुक्त माना जाता है, जिसे श्रावणी पर्व कहा जाता है।

  • दक्षिण भारत में इसे नारियल पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जहाँ समुद्र देवता को नारियल अर्पित किया जाता है।


रक्षाबंधन की परंपरा और समारोह

1. राखी (Rakhi 2025) बांधने की रस्म

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं, मिठाई खिलाती हैं और फिर राखी बांधती हैं। बदले में भाई बहनों को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा का वादा करते हैं।

2. पारिवारिक मिलन का अवसर

यह त्योहार एक सामाजिक और पारिवारिक मिलन का भी अवसर होता है। दूर रहने वाले भाई-बहन इस दिन एक-दूसरे से मिलने का प्रयास करते हैं। परिवार के सभी सदस्य मिलकर भोजन करते हैं और खुशियाँ साझा करते हैं।

3. भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती

रक्षाबंधन केवल उपहार और रस्मों का नाम नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की भावनात्मक गहराई को मजबूत करने का जरिया है। यह दिन उन्हें यह याद दिलाता है कि चाहे हालात कुछ भी हों, वे एक-दूसरे के साथ हैं।

Rakhi 2025
Rakhi 2025

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) का सामाजिक महत्व

1. सामाजिक एकता और सद्भाव का प्रतीक

यह त्योहार न केवल पारिवारिक रिश्तों को, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा देता है। कई स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई महिलाएं भी एक-दूसरे को राखी बांधती हैं, जिससे यह पर्व धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर मानवता का प्रतीक बन जाता है।

2. सैनिकों और पुलिस बल को राखी

हाल के वर्षों में रक्षाबंधन के अवसर पर बहनें भारतीय सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को राखी भेजती हैं। यह भावनात्मक संदेश होता है कि देश की सुरक्षा में लगे ये जवान भी भाई समान हैं।

3. पर्यावरण और सामाजिक विषयों से जुड़ाव

आजकल पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ, नारी सशक्तिकरण जैसे सामाजिक संदेशों के साथ राखियाँ बनाई जाती हैं। कुछ स्कूलों में बच्चे पेड़ों को राखी बांधते हैं, यह यह दर्शाता है कि हमें प्रकृति की भी रक्षा करनी चाहिए।


रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) और आधुनिक युग

1. डिजिटल युग में राखी (Rakhi 2025) 

आज जब बहुत से भाई-बहन भौगोलिक दूरी के कारण साथ नहीं हो पाते, तब ऑनलाइन राखी (Rakhi 2025) भेजने, वीडियो कॉल पर राखी बांधने, और डिजिटल गिफ्ट कार्ड्स का प्रचलन बढ़ा है। हालांकि इससे भावनाओं में कमी नहीं आती, बल्कि तकनीक के माध्यम से रिश्ता और मजबूत होता है।

2. राखी (Rakhi 2025) का बाज़ार और अर्थव्यवस्था

रक्षाबंधन से जुड़ा बाजार बहुत व्यापक है। राखियाँ, मिठाइयाँ, गिफ्ट आइटम्स, कपड़े और ज्वेलरी की बिक्री में इस समय बड़ा उछाल आता है। यह त्योहार घरेलू व्यापारियों और हस्तशिल्प कलाकारों के लिए भी आय का प्रमुख स्रोत होता है।

3. समानता और समर्पण का प्रतीक

रक्षाबंधन अब लिंग समानता का भी प्रतीक बन रहा है। कई बहनें भी अपने भाइयों से वचन लेती हैं कि वे उनकी इज्ज़त और समानता का ख्याल रखें। कुछ स्थानों पर बहनें भी भाइयों को उपहार देती हैं, जो रिश्ते को द्विपक्षीय सम्मान में बदलता है।


रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) से जुड़ी रोचक बातें

  • भारत के अलावा नेपाल, भूटान, मॉरीशस और श्रीलंका जैसे देशों में भी रक्षाबंधन मनाया जाता है।

  • राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में महिलाएं अपने पति को भी राखी बांधती हैं, यह दर्शाने के लिए कि वे उनकी सुरक्षा चाहती हैं।

  • कई स्कूलों और कॉलेजों में छात्र आपस में राखी बांधकर भाईचारे का संदेश देते हैं।


चुनौतियाँ और बदलाव की आवश्यकता

हालांकि यह पर्व बहुत पवित्र और भावनात्मक है, लेकिन आज भी समाज में कई बहनों को अपने भाइयों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है। महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध यह दिखाते हैं कि रक्षाबंधन का आदर्श तभी पूरा होगा जब हर पुरुष हर स्त्री की इज्ज़त और सुरक्षा को प्राथमिकता देगा

रक्षाबंधन के दिन सिर्फ अपनी बहन की रक्षा का वचन नहीं, बल्कि समाज की हर लड़की, हर महिला के लिए सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना ही इस पर्व का सच्चा अर्थ होगा।


उपसंहार

रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जो भावनाओं, परंपराओं और आदर्शों का संगम है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि रिश्ते केवल खून से नहीं, विश्वास और समर्पण से भी बनते हैं। भाई-बहन के रिश्ते की मिठास, समाज में प्रेम और सुरक्षा की भावना, और एकता का संदेश इस पर्व की आत्मा है।

आज के युग में हमें रक्षाबंधन के भावनात्मक मूल्यों को आधुनिक सोच के साथ जोड़ना होगा। जब हर व्यक्ति यह समझेगा कि सुरक्षा केवल एक दिन का वादा नहीं, बल्कि जीवन भर की जिम्मेदारी है, तभी यह पर्व अपने सच्चे रूप में सफल होगा।

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FAQ :  

प्रश्न: रक्षाबंधन 2025 (Raksha Bandhan 2025) कब है?

उत्तर: रक्षाबंधन 2025 शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

प्रश्न: राखी (Rakhi 2025) बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?

उत्तर: राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:46 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक है। इस समय में आप कभी भी राखी बांध सकते हैं।

प्रश्न: क्या 2025 में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर भद्रा का साया रहेगा?

उत्तर: नहीं, 9 अगस्त को भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिससे आप पूरे दिन राखी का पर्व मना सकते हैं।

प्रश्न: भद्रा काल क्या होता है?

उत्तर: हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा काल को अशुभ समय माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

प्रश्न: राखी (Rakhi 2025)  किस हाथ में बांधनी चाहिए?

उत्तर: राखी हमेशा भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधनी चाहिए।

प्रश्न: राखी (Rakhi 2025) बांधते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

उत्तर: राखी बांधते समय आप यह मंत्र बोल सकते हैं: ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेंद्रो महाबलः। तेन त्वाम् प्रतिबद्ध्नामि, रक्षे माचल माचल।।’

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) का क्या महत्व है?

उत्तर: यह त्यौहार भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम, सम्मान और एक-दूसरे की रक्षा के वादे का प्रतीक है।

प्रश्न: क्या बहनें भी आपस में राखी (Rakhi 2025) बांध सकती हैं?

उत्तर: हाँ, बहनें भी आपस में एक-दूसरे की सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना के लिए राखी (Rakhi 2025) बांध सकती हैं।

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) से जुड़ी कोई पौराणिक कथा बताएं।

उत्तर: एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी उंगली पर बांधा था। इसके बदले में कृष्ण ने उनकी हर विपत्ति में रक्षा करने का वचन दिया था।

प्रश्न: राखी (Rakhi 2025)  बांधने की सही विधि क्या है?

उत्तर: पूजा की थाली में रोली, चंदन, अक्षत (चावल), राखी (Rakhi 2025)  और मिठाई रखें। भाई को तिलक लगाएं, फिर उसकी कलाई पर राखी बांधें और मिठाई खिलाएं।

प्रश्न: क्या रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर कोई व्रत रखा जाता है?

उत्तर: हाँ, बहुत सी बहनें भाई की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए इस दिन व्रत रखती हैं।

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर भाई क्या उपहार देते हैं?

उत्तर: भाई अपनी बहन की पसंद के अनुसार कोई भी उपहार दे सकते हैं, जैसे कि कपड़े, आभूषण, पैसे या कोई गैजेट।

प्रश्न: क्या राखी (Rakhi 2025)  को तुरंत खोलना शुभ होता है?

उत्तर: नहीं, राखी को तुरंत नहीं खोलना चाहिए। यह रक्षा सूत्र है, इसलिए इसे कुछ दिनों तक कलाई पर बांधे रखना अच्छा माना जाता है।

प्रश्न: रक्षाबंधन 2025 पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं?

उत्तर: इस दिन श्रावण नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य कारक शिव योग बन रहे हैं, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ा देते हैं।

प्रश्न: क्या राखी (Rakhi 2025)  केवल सगे भाइयों को ही बांधी जाती है?

उत्तर: नहीं, राखी किसी भी ऐसे व्यक्ति को बांधी जा सकती है जो आपके जीवन में भाई जैसा महत्व रखता हो और जिसकी आप भलाई की कामना करते हैं।

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर राहुकाल का समय क्या है?

उत्तर: 9 अगस्त को सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस अवधि में राखी बांधने से बचना चाहिए।

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर कौन-सी पारंपरिक मिठाइयां बनाई जाती हैं?

उत्तर: इस दिन पारंपरिक रूप से घेवर, बर्फी, खीर और गुलाब जामुन जैसी मिठाइयां बनाई जाती हैं।

प्रश्न: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) को और किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: रक्षाबंधन को राखी पूर्णिमा और श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न: क्या रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर केवल बहनें ही भाई को राखी बांधती हैं?

उत्तर: ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। भाई भी बहन को राखी बांधकर उसकी रक्षा का वचन दे सकते हैं।

प्रश्न: राखी (Rakhi 2025)  का धागा किस चीज़ का प्रतीक है?

उत्तर: राखी का धागा सुरक्षा, प्रेम, विश्वास और सम्मान का प्रतीक है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।

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