🌼 परिचय – Guru Nanak Jayanti क्या है?
भारत संतों, गुरुओं और महापुरुषों की भूमि है। इन्हीं में से एक महान संत, समाज सुधारक और धर्म के प्रवर्तक थे Guru Nanak।
उनका जन्म दिवस गुरु नानक Jayanti या Gurpurab के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।
Guru Nanak Jayanti हमें समानता, प्रेम, सत्य और सेवा का संदेश देती है। यह दिन मानवता और आध्यात्मिकता के मिलन का प्रतीक माना जाता है।
🪔 Guru Nanak का प्रारंभिक जीवन
गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पाकिस्तान के ननकाना साहिब (Talwandi) में हुआ था। उनके पिता मेहता कालू और माता माता त्रिप्ता थे।
बचपन से ही गुरु नानक का मन ईश्वर-भक्ति और समाज कल्याण में रमता था।
उन्होंने कम उम्र में ही यह सिद्ध कर दिया था कि उनका जीवन सांसारिक लालच से परे, एक उच्च उद्देश्य के लिए है — मानवता की सेवा और सच्चे धर्म की स्थापना।
💫 Guru Nanak का आध्यात्मिक अनुभव
जब गुरु नानक लगभग 30 वर्ष के थे, वे बेईन नदी में स्नान करने गए। तीन दिन बाद लौटे तो उनके मुख से निकले शब्द थे —
“ना कोई हिंदू, ना कोई मुसलमान।”
यह वाक्य उनके आध्यात्मिक ज्ञान का सार था — कि ईश्वर एक है, और सभी मनुष्य उसके समान पुत्र हैं।
यहीं से उन्होंने सिख धर्म (Sikhism) की नींव रखी।
📜 Guru Nanak की प्रमुख शिक्षाएँ (Teachings of Guru Nanak)
गुरु नानक की शिक्षाएँ सरल, गहरी और सार्वभौमिक हैं। उन्होंने जीवन के लिए तीन मूल मंत्र दिए:
1. Naam Japo (नाम जपो)
हमेशा ईश्वर का स्मरण करो और मन को पवित्र रखो।
2. Kirat Karo (किरत करो)
ईमानदारी से परिश्रम करो और सच्चाई के मार्ग पर चलो।
3. Vand Chhako (वंड छको)
अपनी कमाई का हिस्सा दूसरों के साथ बाँटो और समाज की सेवा करो।
गुरु नानक ने कहा कि धर्म का सच्चा अर्थ केवल पूजा या कर्मकांड नहीं, बल्कि सत्य, प्रेम और मानवता की सेवा है।
🌏 Guru Nanak की यात्राएँ (Udasis)
गुरु नानक ने चार प्रमुख यात्राएँ कीं, जिन्हें Udasis कहा जाता है। इन यात्राओं में उन्होंने भारत, श्रीलंका, तिब्बत, मक्का-मदीना और बगदाद तक जाकर ईश्वर और समानता का संदेश फैलाया।
उनका लक्ष्य था —
“सभी धर्मों में एकता और प्रेम स्थापित करना।”
🍲 Guru Nanak द्वारा शुरू की गई परंपराएँ
🌿 Langar की परंपरा
गुरु नानक ने “लंगर” की परंपरा शुरू की जहाँ अमीर-गरीब, ऊँच-नीच सभी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।
यह समानता और एकता का प्रतीक है।
🕊️ Sangat और Seva
उन्होंने “संगत” (साझा प्रार्थना) और “सेवा” (निःस्वार्थ कार्य) को धार्मिक जीवन का मुख्य भाग बनाया।
🌕 Guru Nanak Jayanti कैसे मनाई जाती है?
गुरु Nanak Jayanti या Gurpurab सिख धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। इसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है (अक्टूबर-नवंबर)।
🌸 प्रमुख आयोजन:
- 
Akhanda Path:
48 घंटे तक Guru Granth Sahib का निरंतर पाठ होता है। - 
Prabhat Pheri:
भक्त सुबह “Waheguru” का नाम जपते हुए नगर भ्रमण करते हैं। - 
Nagar Kirtan:
पाँच प्यारे (Panj Pyare) के नेतृत्व में धार्मिक जुलूस निकाला जाता है। - 
Langar:
गुरुद्वारों में सामुदायिक भोजन का आयोजन होता है — यह Guru Nanak द्वारा प्रारंभ की गई पवित्र परंपरा है। - 
सजावट और दीयों की रोशनी:
रात में गुरुद्वारों को रोशनी, दीयों और फूलों से सजाया जाता है। 
🧘 Guru Nanak की शिक्षाओं का आधुनिक महत्व
आज के समय में जब समाज जाति, धर्म और स्वार्थ में बँट गया है, तब गुरु नानक का संदेश और भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा —
“सबना अंदरि एकु जोति, जो कि तिस दा नामु।”
अर्थात् हर प्राणी में एक ही ईश्वर का प्रकाश है।
यदि हम उनके तीन सूत्र — Naam Japo, Kirat Karo, Vand Chhako — को अपनाएँ, तो समाज में एकता और शांति स्थापित हो सकती है।
🌹 Guru Nanak और महिला सशक्तिकरण
Guru Nanak ने महिलाओं को समाज में सम्मान और समान स्थान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा —
“सो क्यों मंदा आखिए, जित जम्हे राजान।”
(उस नारी को बुरा क्यों कहा जाए, जिससे राजा भी जन्म लेते हैं।)
उनकी यह सोच सदियों आगे की थी और आज के युग में भी प्रेरणादायक है।
📖 Guru Granth Sahib में Guru Nanak की वाणी
गुरु  नानक की वाणी, भजन और उपदेश Guru Granth Sahib में संकलित हैं।
उनकी वाणी हमें सिखाती है —
“मनुष्य को अपने भीतर झाँकना चाहिए, वहीं ईश्वर का सच्चा स्वरूप बसता है।”
🌍 Guru Nanak Jayanti का वैश्विक उत्सव
आज गुरु Nanak Jayanti केवल भारत तक सीमित नहीं है।
कनाडा, यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में भी सिख समुदाय इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाता है।
हर जगह Guru Nanak की शिक्षाएँ — शांति, सेवा और समानता — को फैलाया जाता है।
🌱 Guru Nanak का पर्यावरण संदेश
Guru Nanak ने प्रकृति को ईश्वर की सृष्टि बताया —
“पवण गुरु, पानी पिता, माता धरत महत।”
(हवा गुरु है, जल पिता है और धरती माता है।)
इससे उन्होंने प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण का संदेश दिया, जो आज के पर्यावरण संकट में अत्यंत प्रासंगिक है।
🕊️ Guru Nanak Dev Ji की विरासत
गुरु नानक के बाद नौ अन्य गुरुओं ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया, लेकिन उनकी शिक्षाएँ आज भी सिख धर्म की आत्मा हैं।
उन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की जहाँ सब समान हों और सबके लिए प्रेम व सम्मान हो।
🌸 निष्कर्ष – Nanak Jayanti का संदेश
Guru Nanak का जीवन सच्चे धर्म, मानवता और प्रेम का प्रतीक है।
उनकी शिक्षाएँ हमें सिखाती हैं कि —
“Naam Japo, Kirat Karo, Vand Chhako”
अर्थात ईश्वर का स्मरण करो, ईमानदारी से काम करो और दूसरों की सहायता करो।
गुरु Nanak Jayanti केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि मानवता, समानता और सच्चाई का उत्सव है।
यदि हर व्यक्ति Guru Nanak के सिद्धांतों को अपनाए, तो संसार में शांति, प्रेम और भाईचारा स्थापित हो सकता है।
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शिक्षक दिवस विशेष: पढ़ने योग्य पुस्तकें | Teachers’ Day: Books to Read :
- Hindu View Of Life By: Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
 - Alchemist (Hindi) By: Paulo Coelho
 - The Courage to Teach By: Parker J. Palmer
 
Guru Nanak Jayanti पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न: गुरु नानक जयंती कब मनाई जाती है?
उत्तर: गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो सामान्यतः अक्टूबर या नवंबर माह में पड़ती है। वर्ष 2025 में गुरु नानक जयंती 5 नवंबर को मनाई जाएगी।
प्रश्न: गुरु नानक जयंतीकेवल भारत में ही मनाई जाती है?
उत्तर: नहीं, रु नानक जयंती विश्वभर में मनाई जाती है — विशेष रूप से कनाडा, यूके, अमेरिका, मलेशिया और सिंगापुर में रहने वाले सिख समुदाय द्वारा बड़े उत्साह से मनाई जाती है।
प्रश्न: गुरु नानक ने लंगर की परंपरा क्यों शुरू की?
उत्तर: गुरु नानक ने लंगर की परंपरा इसलिए शुरू की ताकि समाज में समानता और एकता बनी रहे — जहाँ अमीर-गरीब, ऊँच-नीच सब एक साथ बैठकर भोजन करें।
प्रश्न: गुरु नानक जयंती का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: यह दिन सिख धर्म के लिए सबसे पवित्र दिवसों में से एक है। यह दिन सत्य, करुणा और निःस्वार्थ सेवा के आदर्शों को याद करने का प्रतीक है।
प्रश्न: गुरु नानक के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: गुरु नानक सिखाते हैं कि सभी मनुष्य समान हैं। हमें जाति, धर्म और भेदभाव से ऊपर उठकर प्रेम, शांति और सेवा का जीवन जीना चाहिए।
प्रश्न: गुरु नानक जयंती कैसे मनाई जाती है?
उत्तर: इस दिन गुरुद्वारों में अखंड पाठ, नगर कीर्तन, प्रभात फेरी, और लंगर सेवा आयोजित की जाती है। लोग दीयों और रोशनी से गुरुद्वारों को सजाते हैं।
प्रश्न: गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर: गुरु नानक ने तीन मुख्य सिद्धांत दिए —
नाम जपो (Naam Japo) – ईश्वर का स्मरण करो
किरत करो (Kirat Karo) – ईमानदारी से परिश्रम करो
वंड छको (Vand Chhako) – अपनी कमाई का हिस्सा बाँटो
प्रश्न: गुरु नानक जयंती को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: इसे गुरपुरब (Gurpurab) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “गुरु का पर्व”।
प्रश्न: गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है?
उत्तर: यह दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक Dev Ji के जन्म दिवस की स्मृति में मनाया जाता है। उन्होंने मानवता, समानता और सच्चाई का संदेश दिया था।
प्रश्न: गुरु नानक का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: गुरु नानक का जन्म ननकाना साहिब (वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित तलवंडी गाँव) में 15 अप्रैल 1469 को हुआ था।



